Advertisement

रोज़ का ग्राहक

ए दर्द कुछ तो डिस्काउंट दे, मैं तेरा रोज़ का ग्राहक हूँ।

एक हार से कोई फ़क़ीर और एक जीत से कोई सिकंदर नहीं बनता।

Advertisement

वो आईना देख मुस्कुरा के बोली बेमौत मरेगा मुझ पर मरने वाला।

Advertisement

Comments