Advertisement

दिल के अहसास

दिल के अहसास दिखाए नहीं, महसूस किये जाते हैं।

उन्होंने तो हमें धक्का दिया था डुबाने के इरादे से अंजाम ये निकला हम तैराक बन गए।

कमियाँ तो बहुत है मुझमे, पर कोई निकाल कर तो देखे।

रुकावटे तो ज़िन्दा इन्सान के लिए हैं, मय्यत के लिए तो सब रास्ता छोड़ देते है।

वो मंज़िल ही बदनसीब थी जो हमे पा ना सकी, वरना जीत की क्या औकात जो हमे ठुकरा दे।

Advertisement

दीदार की तलब हो तो नजरें जमाये रखना क्यों कि 'नकाब' हो या 'नसीब' सरकता जरूर है।

मेरे बारे में इतना मत सोचना, दिल में आता हूँ, समझ में नही।

भीड़ में खड़ा होना मकसद नहीं हैं मेरा, बलकि भीड़ जिसके लिए खड़ी है वो बनना है मुझे।

क्यों हम भरोसा करें गैरों पर, जबकि हमें चलना है अपने ही पैरों पर।

Advertisement

Comments